व्यक्तिगत परिचय
ऋषभ पंत का जन्म 4 अक्टूबर 1997 को उत्तराखंड के रुड़की में हुआ, उनके पिता का नाम राजेंद्र पंत तथा माता का नाम सरोज पंत है, इनके पिता का 2017 में निधन हो गया,12 साल की उम्र में पंत अपनी मां के साथ वीकेंड पर सोनेट क्रिकेट एकेडमी मैं ट्रेनिंग लेने के लिए दिल्ली जाया करते थे, दिल्ली में उनके पास कोई घर ना होने का कारण उन्हे मोती बाग एक गुरुद्वारे में रुकना पढ़ता था।
घरेलू करियर/Domestic Career
ऋषभ पंत ने अपना फर्स्ट क्लास डेब्यू 22 अक्टूबर 2015 को रणजी ट्रॉफी (2015-16) में तथा List A डेब्यू नवंबर 2015 को विजय हजारे ट्रॉफी (2015-16) से किया।
रणजी ट्रॉफी (2016-17) में महाराष्ट्र के खिलाफ खेलते हुए ऋषभ पंत ने 308 रनों की शानदार पारी खेली और इसी के साथ वह फर्स्ट क्लास क्रिकेट में तिहरा शतक मारने वाले तीसरे सबसे युवा भारतीय बल्लेबाज बने।
8 नवंबर 2016 को दिल्ली के लिए झारखंड के खिलाफ खेलते हुए पंत ने मात्र 48 गेदो में रणजी इतिहास का सबसे तेज शतक बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया।
फरवरी 2017 में पंत विजय हजारे ट्रॉफी (2016-17) के लिए दिल्ली के कप्तान चुने गए, उन्होंने गौतम गंभीर का स्थान लिया।
14 जनवरी 2018 को हिमाचल प्रदेश के खिलाफ जोनल T20 लीग (2017-18) में पंत ने T20 का सबसे तेज शतक बनाया 100 रन बनाने के लिए पंत ने मात्र 32 गेंदें खेली।
IPL करियर
रिषभ पंत ने Under-19 world cup 2016 में अपनी सतकिय पारी की मदत से भारतीय टीम को सेमी फाइनल में पहुंचाया,उसी दिन Delhi Daredevils (Now-Delhi Capitals) ने उन्हें IPL 2016 के लिए अपनी टीम का हिस्सा बनाया,IPL में अपने पहले सीजन के तीसरे ही मैच में रिषभ पंत ने गुजरात लायंस के खिलाफ 40 गेंदों में 69 रनों की शानदार पारी खेल कर अनपी टीम के लिए 8 विकेट से जीत दर्ज की,सीजन 2017 में पंत ने गुजरात लायंस के खिलाफ ही 43 गेंदों में 97 रनों की शानदार पारी खेली।
IPL 2018 में पंत ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ़ 63 गेंदों में 128 रनों की शानदार पारी खेली यह उस समय किसी भी भारतीय बल्लेबाज के द्वारा IPL में बनाया गया शर्वादिक वक्तिगत स्कोर था,इसी के साथ वे IPL में शतक बनाने वाले दूसरे सबसे युवा खिलाड़ी बने।
मार्च 2021 में पंत को IPL 2021 के लिए Delhi Capitals का कप्तान बनाया गया, उन्हें 2022 IPL के लिए भी कप्तान के रुप मे रिटेन किया गया ।
अंतरराष्ट्रीय करियर/International Career
पदार्पण/Debut
ऋषभ पंत ने अपने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर की शुरुआत इंग्लैंड के खिलाफ की, जनवरी 2017 में उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली T20 सीरीज के लिए टीम में जगह मिली तथा 1 फरवरी 2017 को एम चिदंबरम स्टेडियम में सीरीज के तीसरे मैच में पंत अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर की शुरुआत की और इसी के साथ वह है भारत के लिए T20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू करने वाले सबसे युवा भारतीय खिलाड़ी बने उस समय उनकी उम्र 19 साल 120 दिन थी।
जुलाई 2018 में उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली टेस्ट सीरीज के लिए टीम में शामिल किया गया तथा उन्होंने 18 अगस्त 2018 को इंग्लैंड के खिलाफ अपने टेस्ट कैरियर की शुरुआत की, 11 सितंबर 2018 को पंत ने इंग्लैंड के खिलाफ अपने टेस्ट क्रिकेट का पहला शतक बनाया और इसी के साथ वे इंग्लैंड में टेस्ट क्रिकेट में शतक मारने वाले दूसरे सबसे युवा विकेटकीपर बल्लेबाज तथा पहले भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज बने, इंडिया-ऑस्ट्रेलिया सीरीज 2018-19 के पहले मैच में पंत ने 11 कैच पकड़े और इसी के साथ वे एक टेस्ट मैच में सबसे ज्यादा कैच पकड़ने वाले भारतीय विकेटकीपर बने, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे टेस्ट में उन्होने शतकीय पारी खेली इसी के साथ वे ऑस्ट्रेलिया में मारने वाले पहले भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज बने।
ऋषभ पंत ने अपने एक दिवसीय करियर की शुरुआत वेस्टइंडीज के खिलाफ 21 अक्टूबर 2018 को की, पंत ने अपना पहला एकदिवसीय शतक इंडिया-इंग्लैंड सीरीज 2022 मैं इंग्लैंड के खिलाफ बनाया,इस मैच उन्होंने नाबाद 125 रनों की पारी खेली यह मैच तीन मैचों की सीरीज का सीरीज निर्णायक मैच था। उन्हें 2019 वनडे वर्ल्ड कप मैं शिखर धवन के अंगूठे में चोट लगने के कारण उनके रिप्लेसमेंट के तौर पर टीम में शामिल किया गया था।
कठिन दौर/Tough Phase
'टॉक्सिक फैन' क्रिकेट समेत हर खेल में एक एसी समर्थकों की प्रजाति होती है जो खेल के नहीं बल्कि किसी खिलाड़ी विशेष के समर्थक होते हैं अपने पसंदीदा खिलाड़ी को छोड़कर बाकी किसी भी खिलाड़ी या पूरी टीम के अच्छा या बुरा प्रदर्शन करने से इनको कोई फर्क नहीं पड़ता,ऐसे ही टॉक्सिक फैंस का शिकार ऋषभ पंत भी हुए।
तकरीबन 15 सालों तक भारत के लिए विकेट कीपिंग की जिम्मेदारी निभाने वाले महेंद्र सिंह धोनी ने जब वर्ल्ड कप 2019 के बाद से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूरी बना ली तब टीम मैनेजमेंट ने उनका विकल्प तलाशना शुरू किया इस दौड़ में सबसे आगे ऋषभ पंत थे, ऋषभ पंत को बतौर विकेटकीपर टीम में शामिल किया जाने लगा लेकिन 15 सालों से क्रिकेट फैंस को एम एस धोनी को विकेट के पीछे देखने की आदत लग चुकी थी ऐसे में वह हर बात पर धोनी से पंत की तुलना करने लगे इधर मैदान में पंत से गलती होती और उधर धोनी-धोनी के नारे लगने शुरू हो जाते मजबूरन टीम मैनेजमेंट को ऋषभ पंत को टीम से बाहर करना पड़ा तथा उनकी जगह केएल राहुल विकेटकीपिंग करने लगे।
पंत के लिए 2020 का आईपीएल सीजन भी अच्छा नहीं रहा वह,113 की स्ट्राइक रेट से मात्र 343 रन हे बना सके और उन्होन पूरे टूर्नामेंट में सिर्फ एक अर्थ शतक बनाया। खराब दौर तथा खराब आईपीएल सीजन के कारण उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाली टी20 और वनडे सीरीज से बाहर कर दिया गया,लेकिन उन्हें टेस्ट टीम में जगह मिली।
उदय/The Rise
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में खेले गये पहले टेस्ट मैच मैं पंत को जगह नहीं मिली इस मैच में भारतीय टीम ने पहली पारी में बढ़त बनाई लेकिन दूसरी पारी में भारतीय टीम का स्कोर मात्र 36 रनों पर सिमट गया यह अब तक का एक पारी में भारतीय टीम का सबसे कम स्कोर है इस मैच को ऑस्ट्रेलिया ने 8 विकेट से जीता।
चार टेस्ट मैचों की सीरीज में पहले मैच में 36 रनों पर ऑल आउट हो जाना किसी भी टीम के मनोबल को पूरी तरह से चकनाचूर कर सकता है लेकिन भारतीय टीम ने हार नहीं मानी दूसरे मैच में कमबैक करते हुए भारत में ऑस्ट्रेलिया को हराया इस मैच में पंत को जगह मिली लेकिन वह पहली इनिंग में 29 रनों की पारी ही खेल सके।
पंत के कैरयर का उदय सिडनी में खेले गए तीसरे मैच से हुआ इस मैच में दूसरी पारी में भारत को जीतने के लिए ऑस्ट्रेलिया ने 400 से ज्यादा रनों का लक्ष्य दिया पंत ने इस मैच में 97 रनों की काउंटर अटैक पारी खेली जिसकी मदद से भारत यह मैच ड्रॉ कराने में कामयाब रहा।
अब यह सीरीज एक-एक की बराबरी पर आ गई थी सीरीज का आखिरी मैच ब्रिसबेन के गाबा स्टेडियम में खेला जाना था जहां 1998 से ऑस्ट्रेलिया को कोई भी टीम हरा नहीं सकी थी इस मैच में दूसरी पारी में भारत को जीतने के लिए ऑस्ट्रेलिया ने 328 रनों का विशाल लक्ष्य दिया, इस मैच में पंत ने नाबाद 89 रनों की पारी खेल कर भारत को जीत दिलाई।
गाबा के इस ऐतिहासिक टेस्ट मैच के बाद पंत ने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा और वह आज भारतीय टीम के प्रमुख विकेटकीपर है