अरुण गोविल का जीवन परिचय - जाने रामायण धारावाहिक के राम के बारे में

प्रारंभिक जीवन एवं शिक्षा/Early Life and Education 

अरुण गोविल का जन्म 12 जनवरी 1958 को उत्तर प्रदेश के मेरठ में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ, उत्तर प्रदेश में प्राप्त की, जहाँ उन्होंने इंजीनियरिंग विज्ञान का अध्ययन किया और कुछ नाटकों में अभिनय किया। उन्होंने अपना शुरुआती जीवन उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर में बिताया। उनके पिता चाहते थे कि वे एक सरकारी नौकर बनें जबकि अरुण कुछ ऐसा करना चाहते थे जिसके लिए उन्हें याद किया जाए।

अरुण के पिता श्री चंद्र प्रकाश गोविल एक सरकारी अधिकारी थे। अरुण छह भाई और दो बहनों में चौथे नंबर के हैं। उनके बड़े भाई विजय गोविल की शादी तबस्सुम से हुई है, जो एक पूर्व बाल अभिनेत्री हैं और दूरदर्शन पर पहले टॉक शो "फूल खिले हैं गुलशन गुलशन"  की मेजबान हैं। यह शो 21 वर्षों तक जारी रहा।

अरुण गोविल का विवाह है अभिनेत्री श्रीलेखा के साथ हुआ। उनका एक बेटा अमल एवं एक बेटी सोनिका है।


करियर/Career

1975 में, वह अपने भाई के व्यवसाय में शामिल होने के लिए मुंबई चले गए। थोड़े समय के बाद, उन्होंने पाया कि अब उन्हें काम में मज़ा नहीं आ रहा था और उन्होंने कुछ और अधिक मनोरंजक खोजने का फैसला किया। कॉलेज में नाटक करने के बाद उन्होंने अभिनय शुरू करने का फैसला किया। गोविल को भारतीय सिनेमा में पहला ब्रेक 1977 की फिल्म "पहेली" में मिला, जब उनकी भाभी तबस्सुम ने ताराचंद बड़जात्या से उनका परिचय कराया। उन्होंने प्रशांत नंदा की पहेली (1977) से बॉलीवुड में पदार्पण किया। कनक मिश्रा की "सावन को आने दो (1979)" और सत्येन बोस की "सांच को आंच नहीं (1979)" में कास्ट किए जाने के बाद उन्होंने स्टारडम हासिल किया। उन्होंने रामानंद सागर की "विक्रम और बेताल (1985)" में छोटे पर्दे पर अपनी शुरुआत की। उसके बाद उन्हें सागर की टीवी श्रृंखला "रामायण (1986)" में भगवान राम के रूप में चुना गया, जिसके लिए उन्होंने 1988 में अग्रणी भूमिका श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का अपट्रॉन पुरस्कार जीता। उन्होंने सागर के "लव कुश" और पद्मल्या टेलीफिल्म्स लिमिटेड के "जय वीर हनुमान" में राम के रूप में अपनी भूमिका दोहराई। बड़जात्या फिल्म में गोविल के प्रदर्शन से वास्तव में प्रभावित हुए और उन्होंने उन्हें तीन-फिल्म-सौदे पर हस्ताक्षर किए - कनक मिश्रा की सावन को आने दो (1979), विजय कपूर की राधा और सीता (1979) और सत्येन बोस की सांच को आंच नहीं (1979)। "सावन को आने दो" बॉक्स ऑफिस पर गोविल को स्टारडम तक पहुँचाने में एक बड़ी सफलता बन गई। "राधा और सीता" बॉक्स ऑफिस पर असफल रही जबकि "सांच को आंच नहीं" बॉक्स ऑफिस पर एक और सफल फिल्म रही। उन्होंने कनक मिश्रा की "जियो तो ऐसे जियो (1981)" में अभिनय किया।

रामानंद सागर ने अपनी टेलीविजन श्रृंखला "विक्रम और बेताल" में विक्रमादित्य और "रामायण" में राम के रुप में अरुण गोविल को कास्ट किया।

राम के रूप में उनकी भूमिका ने उन्हें महान प्रदर्शन प्रदान किया और उन्हें टीवी श्रृंखला विश्वामित्र में हरिश्चंद्र या टीवी श्रृंखला बुद्धा में बुद्ध जैसी अन्य भूमिकाओं में कास्ट किया। उन्होंने युगो साको की इंडो-जापानी एनिमेशन फिल्म रामायण: द लीजेंड ऑफ प्रिंस रामा (1992) में राम के रूप में अपनी आवाज दी। उन्होंने वी. मधुसूदन राव की लव कुश (1997) में लक्ष्मण की भूमिका भी निभाई। वर्ष 2020 में, वह द कपिल शर्मा शो में अतिथि के रूप में दीपिका चिखलिया, सुनील लहरी और प्रेम सागर के साथ स्वर्गीय रामानंद सागर पर पुस्तक का प्रचार करने के लिए उपस्थित हुए।

अरुण गोविल ने 18 मार्च 2021 को भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन करके अपनी राजनीतिक कैरियर की शुरुआत की। राजनीति में उतरने का मुख्य कारण उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को बताया, उनका मानना है कि मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में राजनीति की परिभाषा बदली है और वह भी राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देना चाहते हैं।

फिल्मे/Films

अरुण गोविल पेसे से एक अभिनेता है। उन्होंने 1977 में "पहेली" फिल्म से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। तब से लेकर 2006 तक वे 51 फिल्मों में काम कर चुके हैं। आखिरी बार उन्हें 2006 में रिलीज हुई फिल्म "बाबुल प्यारे" मे पंडित हरि सिंह के रूप में देखा गया था। 2022 में आ रही फिल्म "ओह माय गॉड 2" में भी भगवान राम के रूप में नजर आएंगे।

उनकी सभी फिल्मे

पहेली(1977), सावन को आने दो(1979), सांच को आंच नहीं (1977), राधा और सीता(1979), जुदाई (1980), गंगा धाम (1980), जियो तो ऐसे जियो (1981), इतनी सी बात (1981), श्रद्धांजलि(1981), कमांडर (1981), गुमसुम (1982), अयाश (1982), ससुराल(1982), ज्वाला दहेज की(1982), बृज भूमि(1982), कलका(1983), लाल चुनरिया(1983), हिम्मतवाला(1983), जस्टिस चौधरी(1983), आसमान(1984), कानून मेरी मुट्ठी में(1984), राम तेरा देश(1984), कर्म युद्ध(1985) दो दिनों की दास्तान(1985), युद्ध(1985), बादल(1985), लाल्लूराम(1985), देवर भाभी(1986), दिलवाला(1986), शत्रु(1986), नफरत(1986), माशूका(1987), विधिर बिधान(1989), प्यारी दुल्हनिया(1989), एडू कोंडलास्वामी(1991), रामायण- द लीजेंड ऑफ रामा(1992), शिव महिमा(1992), गोविंदा गोविंदा(1993), मुकाबला(1993), कानून(1994), शनिव्रत महिमा(1995), हथकड़ी(1995), बुक भरा भालोबाशा(1995), ग्रेट रोबरी(1996), दाल(1997), दो आंखें बारह हाथ(1997), लव कुश(1997), गांव देश(1997), उपेंद्र(1999), बाबुल प्यारे(2006) और आने वाली फिल्म OMG-2 में अरुण गोविल श्री राम के रूप में नजर आएंगे।

टीवी सीरियल/TV Serials 

फिल्मों के साथ-साथ अरुण गोविल 15 टीवी धारावाहिकों में भी काम कर चुके हैं। उनका सबसे प्रसिद्ध टीवी सीरियल रामानंद सागर द्वारा निर्मित "रामायण" था जिसमें उन्होंने भगवान श्रीराम का किरदार निभाया था। रामायण में निभाये प्रभु श्रीराम के किरदार के कारण ही आज उन्हें सबसे ज्यादा पहचाना जाता है।

उनके सभी टीवी सीरियल 

विक्रम और बेताल (1985), रामायण(1987-1988), लव कुश(1989), विश्वामित्र(1989), फुलवंती(1992), मशाल(1994-1995), जय वीर हनुमान(1995), बुद्धा(1996-1997), आशिकी(1998-1999), पल छीन (1999-2000), बसेरा(2000-2001), कैसे कहूं(2001), सांजी(2002), एहसास- कहानी घर की(2003) और गायत्री महिमा जो 2003 में प्रसारित हुआ था।

सोशल मीडिया/Social Media

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Twitter = @arungovil12
Facebook = Arun Govil


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निष्कर्ष/Conclusion 

नमस्कार दोस्तों, आज इस आर्टिकल में हमने "रामायण" टीवी सीरियल के राम, अरुण गोविल जी के बारे में जाना। आशा करता हूं कि अरुण गोविल जी से संबंधित सभी जानकारियां उपलब्ध करा पाया। आपको यह आर्टिकल पसंद आया है तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें एवं अपने विचार कमेंट करके जरूर बताएं..... धन्यवाद।

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