गुलजारी लाल नंदा का जीवन परिचय

संक्षिप्त परिचय/Brief Introduction 

गुलजारी लाल नंदा एक भारतीय राजनेता एवं अर्थशास्त्री थे। वे लेबर इश्यूज के विशेषज्ञ थे। वे दो बार भारत के कार्यवाहक प्रधानमंत्री रहे, पहली बार 1964 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू एवं दूसरी बार 1966 में लाल बहादुर शास्त्री के देहांत के बाद। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा प्रधानमंत्री का उम्मीदवार चुने जाने के बाद उनका कार्यकाल समाप्त हो गया। 1997 में, उन्हें भारत के सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार भारत रतन से सम्मानित किया गया।

प्रारंभिक जीवन एवं शिक्षा/Early Life and Education 

गुलजारीलाल नंदा का जन्म 4 जुलाई 1998 को पंजाब (ब्रिटिश भारत) के सियालकोट में एक हिंदू खत्री परिवार में हुआ। नंदा ने अपनी शिक्षा लाहौर, अमृतसर, आगरा और इलाहाबाद में प्राप्त की। उनका जन्म स्थान सियालकोट 1947 में बंटवारे के बाद पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का हिस्सा बन गया।

उन्होंने लक्ष्मी से शादी की जिनसे उनके दो बेटे और एक बेटी है। वह 1921 में महात्मा गांधी से मिले तथा उनके अनुरोध पर वे गुजरात में बस गए।

करियर/Career 

गुलजारीलाल नंदा ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में श्रम समस्याओं पर एक शोध विद्वान के रूप में कम किया। 1921 में मुंबई के नेशनल कॉलेज में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर बने। उसी वर्ष वह ब्रिटिश राज्य के खिलाफ भारतीय सहयोग आंदोलन में शामिल हो गए। 1922 में वह अहमदाबाद टेक्सटाइल लेबर एसोसिएशन के सचिव बने जहां उन्होंने 1946 तक कम किया। उन्हें सत्याग्रह के लिए 1942 से 1944 तक जेल में रखा गया।

संसद सदस्य/Member of Parliament 

गुलजारीलाल नंदा 1957 के चुनाव में पहली बार लोकसभा सदस्य बने और उन्हें केंद्रीय श्रम रोजगार और योजना मंत्री बनाया गया बाद में उन्हें योजना आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया। उन्होंने 1968 में जर्मनी, यूगोस्लाविया और ऑस्ट्रिया के  गणराज्य का दौरा किया।

गुजरात के साबरकांठा लोकसभा क्षेत्र से नंदा 1962 के चुनाव में एक बार फिर संसद सदस्य बने। उन्होंने 1962 में कांग्रेस फॉर्म फॉर सोशलिस्ट एक्शन की शुरुआत की। वह 1962 से 1963 तक केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री तथा 1963 से 1966 तक गृहमंत्री रहे।

1967 और 1971 के चुनाव में नंदा हरियाणा के कैथल लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए। वह एक सैद्धांतिक व्यक्ति थे इसीलिए उन्होंने 1971 में यह कहते हुए कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया की उन्हें उस दौर की राजनीति पसंद नहीं है।

कार्यवाहक प्रधानमंत्री/ Caretaker Prime Minister

गुलजारीलाल नंदा दो बार 13-13 दिनों के लिए भारत के कार्यवाहक प्रधानमंत्री रहे। पहली बार 1964 में पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के देहांत के बाद तथा दूसरी बार 1966 में दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के देहांत के बाद।

इन दोनों कार्यकालो के समय वे भारत के गृहमंत्री थे इसी कारण उन्हें प्रधानमंत्री के रूप में चुना गया। भारत के संविधान में कार्यवाहक प्रधानमंत्री का कोई प्रावधान नहीं है लेकिन 1962 में चीन से युद्ध के बाद 1964 नेहरू की मृत्यु तथा 1965 में पाकिस्तान से युद्ध के बाद 1966 में शास्त्री जी की मृत्यु के कारण देश में संभावित खतरे को देखते हुए उन्हें कार्यवाही प्रधानमंत्री बनाया गया।

मृत्यु/ Death 

15 जनवरी 1998 को 99 वर्ष की उम्र में गुजरात के अहमदाबाद में नंदा का निधन हो गया। अपनी मृत्यु के समय नंदा सबसे उम्रदराज जीवित पूर्व राजनेता थे। वह 19वीं शताब्दी में पैदा होने वाले अंतिम जीवित राजनेता थे। 

फुल फॉर्म 👉
IASISROBCCIUNESCOIPSTRAINCCSCONATOSSCDRDOBJP

गांधीवादी जीवन/Gandian Life 

उन्होंने बहुत ही सादा जीवन जिया, उनकी मृत्यु के समय कोई निजी संपत्ति नहीं थी। उन्होंने कभी भी राजनीति को अपने पारिवारिक जीवन को प्रभावित नहीं करने दिया। फिर भी उनके पास अपने परिवार के लिए हमेशा पर्याप्त समय होता था। उन्होंने एक बार अपने परिवार द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली कार के लिए अपनी सरकार द्वारा प्रदान किए गए ड्राइवर को नियुक्त किया था। उन्होंने अपने परिवार को कभी भी अपने आधिकारिक वाहन का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी। वह एक बार अपने कर्मचारियों से नाराज हो गए जब उन्हें पता चला कि उनके पोते तेजस ने उनके कार्यालय के कागज का इस्तेमाल किया और एक तस्वीर खींची। उसने तुरंत बाजार से कागज खरीदा और अपने पोते को उस पर चित्र बनाने के लिए दे दिया।

वह देश में बढ़ते भ्रष्टाचार के बारे में भी चिंतित थे और उन्होंने अधिकारियों और सामान्य रूप से लोगों द्वारा फिजूलखर्ची को कम करने का सुझाव दिया। उन्होंने इंदिरा गांधी के आपातकाल का भी विरोध किया था, क्योंकि उन्हें लगा कि भारत में लोकतंत्र लाने के लिए किए गए बलिदान अत्याचार के कारण निरर्थक हो गए हैं।

No Question? Answer
1 जन्म •4 जुलाई 1898
•सियालकोट,पंजाब प्रांत,ब्रिटिश भारत 
2 मृत्यु •15 जनवरी (99 वर्ष)
•अहमदाबाद, गुजरात
3 कार्यकाल (PM) 1. 27-5-1964 से 9-6-1964 (13 दिन)
2. 11 जनवरी 1966 से 24 जनवरी 1966 (13 दिन)
4 कार्यकाल (HM) 29 अगस्त 1963 से 14 नवंबर 1966
5 कार्यकाल (EA) 27 मई 1964 से 7 जून 1964
6 पार्टी कॉन्ग्रेस 
7 पत्नी लक्ष्मी 
8 संतान 2 बेटे एवम् 1 बेटी
9 शिक्षा इलाहाबाद यूनिवर्सिटी 

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