कुमार विश्वास का जीवन परिचय

शुरुआती जीवन, शिक्षा/Early life, Education

कुमार विश्वास का जन्म 10 फरवरी 1970 को उत्तर प्रदेश के पिलखुवा शहर में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ, जहाँ उन्होंने लाला गंगा सहाय स्कूल में पढ़ाई की थी। उनके पिता, चंद्र पाल शर्मा, पिलखुवा के आर.एस.एस. डिग्री कॉलेज में व्याख्याता थे। और उनकी माँ, रमा शर्मा, एक गृहिणी थीं। कुमार विश्वास अपने चार भाई वह एक बहन में से सबसे छोटे हैं। उन्होंने राजपूताना रेजिमेंट इंटर कॉलेज में पढ़ाई की और फिर अपने पिता के कहने पर मोतीलाल नेहरू रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लिया। लेकिन कुमार विश्वास इंजीनियर नहीं बन्ना चाहते थे। इसलिए उन्होंने हिंदी साहित्य का अध्ययन करने के लिए इंजीनियरिंग छोड़ दी। जिसमें उन्होंने बाद में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।

अपनी पीएचडी की पढ़ाई के दौरान विश्वास ने अपना नाम विश्वास कुमार शर्मा से बदलकर कुमार विश्वास रख लिया क्योंकि वह अपनी जाति से अलग पहचान बनाना चाहते थे। 1994 में, वे इंदिरा गांधी पीजी कॉलेज 'पीलीबंगा' राजस्थान में लेक्चरर बने, फिर लाला लाजपत राय कॉलेज में हिंदी साहित्य पढ़ाया। 2012 में, वह एक स्वयंसेवी कार्यकर्ता के रूप में नवगठित आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए।

कुमार विश्वास आज तक टेलीविजन चैनल पर केवी सम्मेलन नामक एक कॉमेडी शो की मेजबानी करते है, जिसका पहली बार प्रीमियर 29 सितंबर 2018 को हुआ था।

कुमार विश्वास अपनी कविताओं के माध्यम से हिंदी उर्दू तथा संस्कृत के प्रति अपने प्रेम को प्रकट करते रहते हैं। उन्होंने यूएस, यूके, दुबई, ओमान,सिंगापुर और जापान सहित विदेशों में कविता पाठ और समारोहों में भाग लिया।

साहित्यिक करियर

कुमार विश्वास अपने आप को एक राजनेता से ज्यादा एक कवि के रूप में देखते है उनका मानना है कि राजनीति पैर की जूती है और कविता सर का ताज। वे कविताओं को सुनाने के अपने अंदाज के लिए काफी प्रसिद्ध है। उन्होंने कई रचनाएं की है जिनमें से कुछ निम्नलिखित है -

 ० एक पगली लड़की के बिन (1996)
 ० कोई दीवाना कहता है (2007)
 ० फिर मेरी याद (2017)
 ० है नमन उनको
 ० अपने अपने राम

राजनितिक करियर/ Political Career 

विश्वास 2005 से अरविंद केजरीवाल को जानते हैं और अन्ना हजारे के नेतृत्व वाले "इंडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन" में शामिल हो गए। इसके बाद उन्हें आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य बनाया गया।

उन्होने आम आदमी पार्टी के टिकट से 2014 का लोकसभा चुनाव उतर प्रदेश के अमेठी से राहुल गांधी के खिलाफ़ लड़ा। इस चुनाव में उन्हे मात्र 25000 वोट मिले तथा हार का सामना करना पड़ा।

बाद में उन्होंने आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल के साथ आपसी विवाद के चलते आम आदमी पार्टी का साथ छोड़ दिया। लेकिन उन्होंने आधिकारिक रूप से और किसी पार्टी की सदस्यता ग्रहण नहीं की।

कुमार विश्वास से जुड़े विवाद

2013 के दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले "मीडिया सरकार" नामक एक टैब्लॉइड मीडिया पोर्टल द्वारा एक स्टिंग ऑपरेशन किया गया, जिसमें दावा किया गया कि विश्वास और शाज़िया इल्मी सहित आप के कुछ सदस्यों ने अवैध नकद चंदा जुटाया था। आप ने पोर्टल पर पार्टी के नेताओं को बदनाम करने का आरोप लगाया। Mediasarkar.com और AAP ने एक-दूसरे के खिलाफ शिकायतें दर्ज कराईं।

जैसे ही चुनाव नजदीक आए, एक कवि सम्मेलन का एक वीडियो क्लिप वायरल हो गया, जिसमें उन्हें इमाम हुसैन और केरल के हिंदू देवताओं और नर्सों के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करते हुए दिखाया गया था। इस कारण उनके खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए। कुमार विश्वास ने कहा कि विडियो के साथ छेड़छाड़ की गई थी और बाद में अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगते हुए कहा कि उनका इरादा किसी की भावनाओ को ठेस पहुंचाने का नहीं था।

2016 में, विश्वास पर एक अभियान स्वयंसेवक ने छेड़छाड़ और "यौन रूप से रंगीन" टिप्पणी करने का आरोप लगाया। अदालतों ने शिकायत के कारण प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया लेकिन दिल्ली पुलिस को कोई महत्वपूर्ण सबूत नहीं मिला।

जुलाई 2017 में, अमिताभ बच्चन ने कुमार विश्वास पर उनके पिता हरिवंश राय बच्चन की कविता का एक वीडियो यूट्यूब पर अपलोड करने को लेकर कॉपीराइट उल्लंघन का आरोप लगाया। वीडियो को हटा दिया गया और ₹32 के मुआवजे का भुगतान किया गया। यह लगभग उसी समय था जब वे आप के भीतर एक विवाद में उलझे हुए थे, जिसे उन्होंने छोड़ने की धमकी दी थी।

कुमार विश्वास को एनआईटी ग्राउंड फरीदाबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में सिख समुदाय पर अपमानजनक तरीके से चुटकुले सुनाने के लिए अमृतसर स्थित वकील, एनपीएस हीरा द्वारा कानूनी नोटिस दिया गया था। हीरा ने विश्वास को चेतावनी दी थी कि आपराधिक शिकायत अगर वह श्री अकाल तख्त साहिब जाने और माफी मांगने में विफल रहता है।

2022 के पंजाब विधानसभा चुनावों से ठीक पहले 16 फरवरी 2022 को विश्वास ने दावा किया कि आप सुप्रीमो केजरीवाल ने एक बार उनसे कहा था कि अगर वह चुनाव हार भी जाते हैं, तो अलगाववादियों की मदद लेकर वह एक स्वतंत्र खालिस्तान के पहले प्रधानमंत्री बन जाएंगे। केजरीवाल ने इन दावों को राजनीति से प्रेरित और एक "बड़ा मजाक" करार दिया क्योंकि वह एक आतंकवादी थे तो चुनावी राजनीति में इतने सालों से उनकी जांच क्यों नहीं की गई। दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले से जुड़ी एक याचिका को 'फालतू' बताया। आप के विधायकों ने पंजाब की जीत के मद्देनजर विश्वास को "लड्डू" भेंट किए। 

मीडिया 

कुमार विश्वास इंडियन आइडल टेलीविजन शो में अतिथि और ज़ी टीवी के टैलेंट हंट शो सारेगामापा लिटिल चैंप्स में अतिथि रह चुके हैं। उन्होंने 2018 की हिंदी फिल्म "परमाणु द स्टोरी ऑफ पोखरण" और "वीर भगत सिंह" के लिए "दे दे जग" गीत लिखे। वे 1 जुलाई 2017 को द कपिल शर्मा शो के एपिसोड में राहत इंदौरी के साथ अतिथि थे। 21 सितंबर 2019 के कपिल शर्मा शो मे भी वे पंकज त्रिपाठी और मनोज वाजपेई के साथ मुख्य अतिथि थे।

उन्होंने तर्पण नामक एक काव्य श्रंखला की प्रस्तुति दी जिनमें वे प्रसिद्ध ऐतिहासिक कवियों की कविताओं का पाठ करते हैं।

फुल फॉर्म 👉
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सोशल मीडिया 

You Tube

डॉ० कुमार  विश्वास का यू ट्यूब चैनल Kumar Vishwas है जिस पर वर्तमान में 3 Million+ लोग उनसे जुड़े हुए हैं। अपने यू ट्यूब चैनल पर वे कविताओ के वीडियो डालते हैं।

Instagram 

डॉ० कुमार विश्वास का इंस्टाग्राम अकाउंट kumarvishwas है जिस पर वर्तमान में 2.1M+ फॉलोवर्स है। अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर वे अपनी कविताएं तथा अपने फोटो और अपनी दैनिक दिनचर्या को शेयर करते हैं।

Twitter 

कुमार विश्वास का Twitter अकाउंट @DrKumar Vishwas है जिस पर वर्तमान में 9.5M+ फॉलोवर्स है। 

Facebook 

कुमार विश्वास का फेसबुक अकाउंट Dr. Kumar Vishwas है जिस पर वर्तमान में 7.4M+ फॉलोवर्स है।

Website 

कुमार विश्वास की आधिरिक वेबसाइट kumarvishwas.com है 

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